Dehradun: कहते हैं मेहनत और हौसले के सामने कोई भी संसाधनों की कमी मायने नहीं रखती। इस बात को सच कर दिखाया है देहरादून की रहने वाली अंकिता कांति ने, जिन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 137वीं रैंक हासिल कर पूरे देश में मिसाल कायम की है। खास बात यह है कि अंकिता हिंदी माध्यम की टॉपर बनी हैं और उन्होंने यह सफलता बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी से पाई है।
अंकिता का बचपन आर्थिक तंगी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच बीता। उनके पिता देवेश्वर कांति एक प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी में गार्ड हैं, जो बैंकों में कैश वैन की सुरक्षा का कार्य करते हैं। मां ऊषा कांति गृहणी हैं। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी होने के नाते अंकिता ने पढ़ाई के साथ-साथ घर की जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाया।
अपनी पढ़ाई की बात करें तो अंकिता ने दून मॉडर्न स्कूल, टुंटोवाला से प्रारंभिक शिक्षा ली और 12वीं कक्षा संजय पब्लिक स्कूल से पूरी की, जिसमें उन्होंने 96.4% अंक प्राप्त कर 2018 में उत्तराखंड में चौथा स्थान हासिल किया। इसके बाद उन्होंने डीबीएस कॉलेज से बीएससी और डीएवी कॉलेज से फिजिक्स में एमएससी की डिग्री हासिल की।

यूपीएससी की तैयारी अंकिता ने कॉलेज के दिनों में ही शुरू कर दी थी। हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाली अंकिता ने हिंदी में ही इंटरव्यू देकर अपनी मेहनत और भाषाई आत्मविश्वास का परिचय दिया। उन्होंने हिंदी माध्यम के 40 उम्मीदवारों के बीच टॉप कर यह साबित कर दिया कि मेहनत का कोई माध्यम नहीं होता।
अंकिता की सफलता उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों और हिंदी माध्यम में होने के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। उनके संघर्ष, समर्पण और आत्मविश्वास की यह कहानी देश भर के युवाओं को दिशा दिखाने वाली है।