CBSE 10वीं रिजल्ट 2025: नैनीताल की अस्मिता परिहार ने 98.6% अंक प्राप्त कर किया टॉप, पिता चलाते हैं नैनी झील में नाव

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Nainital News : CBSE ने आज 13 मई 2025 को 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इसी कड़ी में नैनीताल की बेटी अस्मिता परिहार ने 10वीं कक्षा में 98.6% अंक प्राप्त कर जिले में टॉप किया है। खास बात यह है कि अस्मिता ने यह सफलता बिना किसी ट्यूशन के, स्वयं पढ़ाई करके हासिल की है। उनकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास आज सभी के लिए मिसाल बन गया है।

अस्मिता ने विज्ञान और आईटी में पाए 100 में 100 अंक

नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में स्थित सनवाल स्कूल की छात्रा अस्मिता परिहार ने विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी विषय में पूरे 100 अंक, गणित में 99, हिंदी और सामाजिक विज्ञान में 97-97 और अंग्रेजी में 91 अंक प्राप्त किए हैं। इस प्रकार उन्होंने कुल मिलाकर 98.6% अंक प्राप्त कर पूरे जिले में नाम रोशन किया है।

बिना ट्यूशन, खुद की मेहनत से पाई सफलता

अस्मिता बताती हैं कि उन्होंने किसी कोचिंग या ट्यूशन का सहारा नहीं लिया, बल्कि स्वयं घर पर पढ़ाई की। वे यूट्यूब से भी अध्ययन सामग्री देखती थीं और कठिन विषयों को समझने के लिए ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करती थीं। उन्होंने बताया कि वे रोजाना घंटों पढ़ाई करती थीं और अनुशासन ही उनकी सफलता की कुंजी है।

इंजीनियर बनने का सपना

अस्मिता का अगला लक्ष्य कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना है। वह अब जेईई मेन्स की तैयारी करेंगी और आईआईटी में दाखिला लेकर बीटेक करना चाहती हैं। उनका कहना है कि वे एक दिन बेहतरीन सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर देश का नाम रोशन करना चाहती हैं।

नैनीताल झील में नाव चलाते हैं पिता

अस्मिता के पिता दीपक परिहार नैनीताल झील में नाव चलाते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाई का पूरा वातावरण दिया। यह सफलता केवल अस्मिता की ही नहीं, बल्कि उनके परिवार की भी जीत है। उनकी मां भी हर कदम पर बेटी के साथ खड़ी रहीं।

स्कूल ने दी बधाई

सनवाल स्कूल की प्रिंसिपल ए. इमैनुएल ने अस्मिता की सफलता पर गर्व जताया और उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “अस्मिता की सफलता हमारे शिक्षकों की मेहनत, माता-पिता के सहयोग और अस्मिता के समर्पण का परिणाम है।”

अस्मिता परिहार की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि संकल्प मजबूत हो और मेहनत में कोई कमी न हो, तो कोई भी बाधा सफलता की राह में नहीं आ सकती। सीमित संसाधनों में भी बड़ा सपना देखा जा सकता है — अस्मिता इसकी जीवंत मिसाल हैं।

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