New Delhi: भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। बिहार के औरंगाबाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के बाद “बम फूटेगा” और सवर्ण समाज देश से बाहर हो जाएगा। उन्होंने यहां तक कह दिया कि “हमारे लिए अलग देश बनेगा, हम आसमान में चले जाएंगे।”

Brij Bhushan Sharan Singh On Caste Census
सिंह ने कहा कि जातीय जनगणना की मांग पूरे देश में है और इसकी शुरुआत बिहार और उत्तर प्रदेश से हुई थी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसके खिलाफ ‘हाय-तौबा’ मचा रहे हैं, लेकिन इस जनगणना से सच्चाई सामने आएगी। अपने आप को केवल राजपूत नेता मानने से इनकार करते हुए उन्होंने खुद को सर्व समाज का नेता बताया।
कानूनों के दुरुपयोग पर भी टिप्पणी
बृजभूषण सिंह ने महिला उत्पीड़न, दहेज कानून और दलित उत्पीड़न कानून को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि ये तीनों कानून दुरुपयोग के शिकार हो चुके हैं और इनसे देश की जनता त्रस्त है। उन्होंने इन्हें या तो खत्म करने या दुरुपयोग रोकने की सख्त व्यवस्था की मांग की।
अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यह बेबुनियाद हैं और उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को बनाया तो गया था कमजोर वर्गों की रक्षा के लिए, लेकिन अब इन्हीं का इस्तेमाल राजनीतिक बदले के लिए हो रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष को घेरा
बृजभूषण सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को देश के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया और सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होना चाहिए था, लेकिन कुछ लोग युद्धविराम के बाद “किंतु-परंतु की राजनीति” कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बयानबाजी को लेकर भी विपक्ष की आलोचना की।
सिंह ने 1971 के युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय जब भारत ने 62 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया था, तब पीओके को लेकर कोई शर्त क्यों नहीं रखी गई? उन्होंने कहा कि युद्ध हमेशा समस्या का समाधान नहीं होता, राजनीतिक इच्छाशक्ति और रणनीतिक सोच जरूरी है।
बृजभूषण शरण सिंह के इन बयानों को लेकर राजनीतिक हलकों में प्रतिक्रियाएं शुरू हो गई हैं। जातीय जनगणना, कानूनों के दुरुपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर उनकी टिप्पणियां आगामी चुनावी माहौल में अहम भूमिका निभा सकती हैं।