देहरादून। Uttarakhand News उत्तराखंड के सीमावर्ती जनजातीय क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय बदलाव तेजी से देखने को मिल रहा है। एक न्यूज चैनल की एक विशेष पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। देहरादून जिले के त्यूणी तहसील क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जहां मुस्लिम आबादी में भारी इजाफा हुआ है और हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हो चुका है।

40 वर्षों में बदली गांवों की तस्वीर
त्यूणी क्षेत्र के पुटाड़, सुनीर और हनोल जैसे गांवों में पिछले चार दशकों में मुस्लिम समुदाय के परिवारों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
- पुटाड़ ग्राम पंचायत में 40 साल पहले केवल 1 मुस्लिम परिवार था, जो अब बढ़कर 30 परिवार हो चुके हैं।
- सुनीर गांव में भी एक मुस्लिम परिवार से शुरुआत हुई और अब 45 परिवार बस चुके हैं।
- हनोल क्षेत्र में यह संख्या 32 से अधिक परिवारों तक पहुंच चुकी है।
स्थानीय लोगों का दावा: जमीनें कब्जे में, लेकिन दस्तावेजों का कोई ठोस आधार नहीं
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन गांवों में बसे मुस्लिम परिवारों ने वोटर कार्ड, राशन कार्ड और आधार कार्ड तो बनवा लिए हैं, लेकिन जब संवाददाता ने बातचीत की तो उनमें से अधिकतर यह नहीं बता पाए कि जमीनें उनके नाम कैसे हुईं। यह क्षेत्र जनजातीय घोषित है, जहां किसी बाहरी व्यक्ति को जमीन खरीदने की अनुमति नहीं है। Uttarakhand News
वन गुर्जरों के रूप में हुई थी शुरुआत
स्थानीय लोगों और अधिकारियों के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय के लोग पहले वन गुर्जर के रूप में क्षेत्र में गर्मी के मौसम में अस्थायी तौर पर आते थे। कुछ समय बाद वे स्थायी रूप से यहीं रहने लगे और स्थानीय बाग-बगीचों की चौकीदारी करने लगे। धीरे-धीरे उन्होंने स्थानीय लोगों से मेलजोल बढ़ाया और फिर कथित तौर पर “सैटिंग-गैटिंग” के जरिए जमीनें अपने नाम करवा लीं। Uttarakhand News

जनजातीय क्षेत्र में घुसपैठ बनी चिंता का विषय
जनजातीय क्षेत्र में इस तरह बाहरी समुदाय के बसने और जमीनों पर अधिकार प्राप्त कर लेने से सामाजिक और राजनीतिक संतुलन में बड़ा बदलाव आ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ स्थानीय संस्कृति और संरचना को प्रभावित करती हैं, बल्कि भविष्य में संवेदनशीलता बढ़ने का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है। Uttarakhand News
सरकार से कार्रवाई की मांग
स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि इस गंभीर मसले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और जनजातीय क्षेत्रों में अवैध रूप से बसने वाले बाहरी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। Uttarakhand News
(डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट एक न्यूज चैनल की पड़ताल पर आधारित है और इसमें प्रस्तुत जानकारी संवाददाता की रिपोर्टिंग से ली गई है। किसी भी प्रकार की पुष्टि अथवा खंडन के लिए प्रशासनिक स्रोतों से आधिकारिक बयान आना अभी शेष है।)