Uttarakhand में बाहरी वाहनों पर लगेगा ग्रीन सेस, धामी कैबिनेट ने दी मंजूरी – जानिए किस वाहन पर कितना लगेगा शुल्क

Date:

Green Cess in Uttarakhand | बाहरी वाहनों पर ग्रीन सेस | Uttarakhand Transport News 2025

देहरादून। अब उत्तराखंड आने वाले बाहरी राज्यों के वाहन चालकों को सफर से पहले अपनी जेब थोड़ा ज्यादा ढीली करनी होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बाहरी निजी और व्यावसायिक वाहनों पर ग्रीन सेस लगाने के फैसले को मंजूरी दी गई है। यह निर्णय प्रदूषण नियंत्रण और राजस्व वृद्धि के उद्देश्य से लिया गया है।

क्या है ग्रीन सेस (Green Cess)?

ग्रीन सेस वह पर्यावरण शुल्क है जो उन वाहनों से लिया जाता है जो उत्तराखंड में प्रवेश कर प्रदूषण फैलाने का कारण बनते हैं। पहले यह शुल्क केवल व्यावसायिक वाहनों पर लागू था, लेकिन अब इसे निजी वाहनों पर भी लागू किया गया है।

ANPR कैमरे और डिजिटल सेस वसूली प्रणाली

उत्तराखंड सरकार ने सभी सीमाओं पर ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे स्थापित कर दिए हैं। ये कैमरे राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन करेंगे। फिर यह जानकारी राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) को भेजी जाएगी और फास्टैग (FASTag) वॉलेट से निर्धारित सेस की राशि अपने आप कट जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया कुछ सेकेंड में पूरी हो जाएगी, जिससे लंबी कतारों की समस्या नहीं होगी।

कितना देना होगा ग्रीन सेस? (Green Cess Rates 2025)

वाहन श्रेणीदेय ग्रीन सेस (₹)
डिलीवरी वैन (3 टन तक)₹80
मैक्सी कैब / पैसेंजर कार₹80
मध्यम माल वाहन (7.5 से 18.5 टन)₹250
हल्के माल वाहन (3 से 7.5 टन)₹120
भारी निर्माण उपकरण वाहन₹250
बस (12+ सीटें)₹140
3 एक्सल भारी वाहन₹450
4 से 6 एक्सल भारी वाहन₹600
7+ एक्सल वाहन₹700

इलेक्ट्रिक वाहन और दोपहिया वाहनों को ग्रीन सेस से छूट दी गई है।

28-30% की बढ़ोतरी

गृह सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि ग्रीन सेस की दरों में 2017 के बाद पहली बार संशोधन किया गया है। उत्तराखंड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम 2003 के तहत अब दरों में 28% से 30% तक की बढ़ोतरी की गई है, ताकि राजस्व में इजाफा हो और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल सके।

उत्तराखंड में लागू हुआ ग्रीन सेस सिस्टम न सिर्फ राज्य के पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में कदम है, बल्कि यह डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग का बेहतरीन उदाहरण भी है। आने वाले समय में यह प्रणाली राज्य की सीमाओं पर पारदर्शिता, सहूलियत और नियंत्रण को और बेहतर बनाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Uttarakhand: मशहूर लोकगायक गणेश मर्तोलिया की बहन और नानी की जहरीले जंगली मशरूम खाने से मौत

पिथौरागढ़। Uttarakhand के प्रसिद्ध कुमाऊंनी लोकगायक गणेश मर्तोलिया के...

Dehradun में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत 25 फर्जी साधु गिरफ्तार, एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश...