ढाई लाख छात्राओं को मिलेगा अज़ीम प्रेमजी स्कॉलरशिप का लाभ, 18 राज्यों की बेटियाँ करेंगी उच्च शिक्षा का सपना पूरा
देश में बेटियों की उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन ने बड़ा कदम उठाया है। फाउंडेशन ने घोषणा की है कि शैक्षणिक सत्र 2025–26 में देश की 2.5 लाख छात्राओं को अज़ीम प्रेमजी स्कॉलरशिप दी जाएगी। यह योजना उन छात्राओं के लिए है, जिन्होंने सरकारी या नगरपालिका स्कूलों से 10वीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है और वर्तमान में किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय में स्नातक या डिप्लोमा कोर्स के पहले वर्ष में दाखिला लिया है।

फाउंडेशन के मुताबिक, प्रत्येक छात्रा को सालाना ₹30,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जो दो किश्तों में सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। यह सहायता चार साल के कोर्स के लिए अधिकतम ₹1,20,000 तक हो सकती है, खासतौर पर बीएससी नर्सिंग जैसे पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए। इस धनराशि का उपयोग छात्राएँ अपनी पढ़ाई और अन्य जरूरतों के लिए कर सकेंगी।

फाउंडेशन के सीईओ अनुराग बेहार ने कहा, “अच्छी स्कूली शिक्षा जीवन की नींव है, लेकिन उच्च शिक्षा से ही सामाजिक और आर्थिक रूप से आगे बढ़ा जा सकता है। देश की लड़कियाँ आज भी शिक्षा के क्षेत्र में कई तरह की सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही हैं। यह स्कॉलरशिप उनकी राह आसान करेगी।”
यह स्कॉलरशिप योजना पहले चरण में वर्ष 2024–25 में मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और झारखंड के चुनिंदा जिलों में लागू की गई थी, जिसमें 25,000 छात्राओं को इसका लाभ मिला।

अब दूसरे चरण में योजना को 18 राज्यों तक विस्तारित किया गया है, जिनमें शामिल हैं:
अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड।
आवेदन प्रक्रिया जुलाई 2025 में शुरू की जाएगी और इसके लिए दिशा-निर्देश समय रहते जारी किए जाएंगे। फाउंडेशन का लक्ष्य इस योजना को भविष्य में देशभर में विस्तार देने का है।
यह पहल उन लाखों लड़कियों के लिए आशा की किरण है जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखती हैं लेकिन आर्थिक कारणों से पीछे रह जाती हैं।