40 कुंतल फूलों से सजा बदरीनाथ मंदिर, सीएम धामी ने किए दर्शन
Chamoli: चारधाम यात्रा 2025 का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव रविवार 4 मई को पूरा हुआ, जब वैदिक मंत्रोच्चार और ‘बदरी विशाल की जय’ के जयकारों के साथ सुबह 6 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलने के साथ ही बद्रीनाथ धाम में आध्यात्मिक उल्लास और भक्ति का माहौल छा गया।

इस अवसर पर सेना की गढ़वाल राइफल्स ने मधुर बैंड की धुनें बजाईं और हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई। मंदिर परिसर को विशेष रूप से 40 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया था, जिसने दृश्य को और भी भव्य बना दिया।
अखंड ज्योति के दर्शन को उमड़े हजारों श्रद्धालु
कपाट खुलने के साथ ही भगवान बदरीनाथ (Badrinath) की अखंड ज्योति के दर्शन के लिए देश-विदेश से करीब 10 हजार श्रद्धालु धाम पहुंचे। यह ज्योति छह माह तक बंद रहने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रकट होती है और श्रद्धालुओं के लिए विशेष आध्यात्मिक महत्व रखती है।
इस पावन अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बदरीनाथ धाम पहुंचे और पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।

तीन धाम पहले ही जा चुके हैं खोले
गौरतलब है कि चारधाम यात्रा के अन्य तीन धामों—गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 30 अप्रैल को तथा केदारनाथ मंदिर के कपाट 2 मई को अक्षय तृतीया के दिन खोले जा चुके हैं। अब बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा 2025 विधिवत रूप से प्रारंभ हो चुकी है।
प्लास्टिक मुक्त यात्रा पर विशेष ध्यान
चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए इसे प्लास्टिक मुक्त बनाने की अपील की है। उन्होंने कर्णप्रयाग, गौचर, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, ज्योतिर्मठ, गोविंदघाट और पांडुकेश्वर जैसे पड़ावों पर होटलों और ढाबा संचालकों से स्वच्छता बनाए रखने और प्लास्टिक का न्यूनतम उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही रेट लिस्ट चस्पा करना और फायर सिलिंडर रखना भी अनिवार्य किया गया है।
उम्मीद की जा रही है कि इस बार चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे और उत्तराखंड की धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी।