Rudraprayag: चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत में अब महज कुछ ही हफ्ते बचे हैं, लेकिन उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में मौसम की मार ने यात्रा की तैयारियों पर ब्रेक लगा दिया है। अप्रैल के मध्य तक भी केदारनाथ मंदिर परिसर और आसपास का पूरा इलाका तीन फीट से अधिक बर्फ से ढका हुआ है। लगातार हो रही बर्फबारी और खराब मौसम के चलते न तो बर्फ पिघल पा रही है, न ही निर्माण और व्यवस्थाओं का काम गति पकड़ पा रहा है।
केदारनाथ धाम में भारी बर्फबारी के चलते कार्यदायी संस्थाओं के कैंप, कैंप कार्यालय और आवासीय भवनों की छतें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण के अनुसार, विभाग के कर्मचारी हाल ही में पैदल मार्ग से जैसे-तैसे मंदिर तक पहुंचे, जहां उन्होंने एमआई-26 हेलिपैड के पास बने कई कैंपों को बर्फबारी से क्षतिग्रस्त पाया।

यात्रा से पहले समय कम, मुश्किलें ज्यादा
चारधाम यात्रा की शुरुआत अगले महीने होनी है। 1 मई को बाबा केदार की पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी और 2 मई को विधिवत कपाट खुलेंगे। यानी अब सिर्फ 39 दिन शेष हैं, लेकिन खराब मौसम और बर्फबारी के कारण व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ पा रही हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या समय रहते यात्रा की तैयारियां पूरी हो सकेंगी?
बर्फबारी बनी बड़ी बाधा
मार्च के पहले और दूसरे हफ्ते में केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई थी, जिसके बाद से हर दो-तीन दिन में मौसम बिगड़ रहा है। बादल छाए रहने और तापमान बेहद कम होने की वजह से जमा हुआ बर्फ पिघल नहीं रहा। मंदिर मार्ग से लेकर पूरा परिसर अभी भी बर्फ की चादर में लिपटा हुआ है।
प्रशासन की चिंता बढ़ी
प्रशासन और कार्यदायी संस्थाएं अब इस चिंता में हैं कि बर्फबारी और मौसम की मार के बीच यात्रा से पहले आवश्यक सुविधाएं, सुरक्षा व्यवस्थाएं और श्रद्धालुओं की सुविधाएं कैसे समय पर पूरी की जाएं। राहत और पुनर्निर्माण कार्यों की रफ्तार बर्फबारी के कारण काफी धीमी हो गई है।
केदारनाथ धाम में मौसम की अनिश्चितता और भारी बर्फबारी ने चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियों को गहरा झटका दिया है। प्रशासनिक तंत्र अलर्ट मोड में है, लेकिन चुनौती बड़ी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं के साथ यात्रा को सुचारु रूप से संचालित करना फिलहाल एक कठिन परीक्षा जैसा प्रतीत हो रहा है।